गीत - मधु शुक्ला
Aug 9, 2023, 22:53 IST
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सावन की फुहार कर डाली, वसुधा का शृंगार।
देख अवनि का रूप मनोहर, पाया सुख संसार।
कानन उपवन निखर गये सब, पाकर घन का साथ।
झूम रहे हैं भ्रमर सुमन सब, थाम पिया का हाथ।
शीतल सुरभित पवन लुटाती, घूम रही है प्यार.......।
झूल रहीं हैं झूला सखियाँ, गाकर मंगल गान।
मोर पपीहा छेड़ रहे हैं, मीठी मोहक तान।
दसों दिशाएं सुना रहीं हैं, मिलकर राग मल्हार........।
सावन की फुहार ले आती, जीवन में उत्साह।
मधुर स्वप्न से तृप्त करे वह, अतृप्त कृषक निगाह।
नदी सरोवर को खुश करती, देकर नीर अपार........।
– मधु शुक्ला, सतना , मध्यप्रदेश