श्याम की मधुशाला प्रेरणादायक कृति - कवि संगम त्रिपाठी
Vivratidarpan.com - श्याम की मधुशाला पढ़ने का अवसर मिला, चूंकि मधुशाला अपने आप में ख्याति प्राप्त है। देश के महान कवियों ने मधुशाला पर कलम चलाई है और श्याम फतनपुरी ने जो साहसिक लेखन किया है वह काबिले-तारीफ है। उनकी कलम मधुशाला में मदमस्त होकर जो काव्य प्रवाह किया है ऐसा जोखिम स्थापित रचनाकार ही उठा सकता है।
अपने कृतित्व में उन्होंने वास्तविकता का चित्रण किया है कहीं कोई लाग लपेट की बात नही कही है........उसकी एक बानगी देखिए -
मिट्टी से ही निर्मित घट है, मिट्टी से बनता प्याला।
पीने वाले सब मिट्टी के, मिट्टी में ढलती हाला।
भूल गए मतवाले होकर, झूम रहे जो इधर उधर,
सब कुछ मिट्टी हो जाना है, प्याला, हाला, मधुशाला।
बहुत ही सहज ढंग से उन्होंने रचना का चित्रण किया है जिसके लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं।
कृति - श्याम की मधुशाला (गीत संग्रह)
आई एस बी एन: 978-81-974030-0-2
कृतिकार - राधेश्याम दुबे ' श्याम फतनपुरी '
संपर्क - 9559669900
प्रकाशक - साहित्यांजलि प्रकाशन प्रयागराज
समीक्षक - कवि संगम त्रिपाठी
संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा जबलपुर मध्यप्रदेश