श्री राम सवैये - कर्नल प्रवीण त्रिपाठी
Jan 20, 2024, 23:34 IST
| तोड़ पिनाक स्वयंवर में रघुनंदन ने इतिहास रचाया।
अग्नि समक्ष विवाह किया सिय से गठबंधन का सुख पाया।
आन रखी पितु की प्रभु ने वनवास मिला तब शीश नवाया।
शेष-सिया सँग कानन जा प्रभु ने अपना सुत धर्म निभाया।
चौदह वर्ष हुए जब पूर्ण सिया सँग कोशल वापस आये।
स्वागत में प्रभु के सबने घर आँगन में तब दीप जलाये।
दीपक थाल लिये कर में शुभ मंगल गीत सभी मिल गाये।
भ्रात सिया सँग रामलला छवि देख सभी हिय से हरषाये।
रामावली मुक्तक -
पौष माह, द्वादशी, जनवरी, परम सुपावन है बाईस,
प्राण प्रतिष्ठा से मिट जाए, मन में पैठी गहरी टीस।
वैसे तो सब जाना चाहें, किंतु व्यवस्था का है प्रश्न,
जो इस दिन दर्शन कर पाए, वो हो सबसे बड़ा रईस।
- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश