श्री कृष्ण जन्मोत्सव - कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

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शुभ तिथि सँग पावन घड़ी, ग्रह नक्षत्र अनुकूल।

बजी बधाई नंद गृह, नभ से बरसे फूल।।

मुदित हुए अति मन सभी, जन्मे जग के मीत।

हर्षित हो अर्पित करें, दधि मिश्री नवनीत।।

कृष्ण जन्म होते मची, सकल जगत में धूम।

पुलकित तन हर्षित हृदय, भक्त रहे सब झूम।।

माँ यशुमति की गोद में, खेलें नंदगोपाल।

पुलकित होकर चूमती, माँ कान्हा का भाल।।

गोकुल के नर-नारियाँ, खड़े नंद के द्वार।

गाते मंगलगान सब, और करें जयकार।।

नेह लुटाने के लिये, आतुर थे सब लोग।

लेकर आये थे सभी, मिसरी-माखन भोग।

- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश