वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच द्वारा काव्य गोष्ठी आयोजित

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vivratidarpan.com दिल्ली - साहित्य को समर्पित संस्था "वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच" द्वारा साहित्य की अविरल धारा बहाने हेतु काव्य गोष्ठियों का अनवरत क्रम ज़ारी है। इसी क्रम में दिल्ली-2 इकाई द्वारा एक काव्य गोष्ठी का आयोजन गूगल मीट ऐप के माध्यम से किया गया। इसमें समस्त कवियों द्वारा कविताएं, गीत तथा ग़ज़लें आदि सुनाकर, गोष्ठी सफलता पूर्वक आयोजित की गई। इस गोष्ठी की विशेषता ये रही कि मंच के संस्थापक नरेश नाज़ का सान्निध्य सभी साहित्यकारों को प्राप्त हुआ। गोष्ठी की अध्यक्षता दिल्ली-2 की अध्यक्ष संतोष संप्रीति ने की। मुख्य अतिथि रहे वनकाम के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र निगम राज I  विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारीं वनकाम की राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती इंदु राज निगम। संचालन का कार्यभार संभाला संतोष संप्रीति ने।

रजनी बाला द्वारा प्रस्तुत माँ वाणी की मधुर वन्दना द्वारा गोष्ठी का शुभारंभ किया गया। गोष्ठी में विभिन्न विषयों पर प्रस्तुत निम्न साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं से समाँ बाँध दिया - नरेश नाज़, नियति गुप्ता, राजेन्द्र निगम राज, इंदु राज निगम, सुनीता बंसल, संतोष संप्रीति, नंदिनी रॉय, अनिल गौड़, हिम्मत चोरडिया प्रज्ञा, विभा रंजन सिंह, रजनी बाला, मोहिनी पांडेय,अरुण द्विवेदी "अनन्त", जयशंकर द्विवेदी "विश्वबंधु", भूपेश प्रताप सिंह, रचना निर्मल, सुनीता राजीव ,चंचल हरेंद्र ‘वशिष्ट’, सुनीता बंसल ,अलका, इन्दिरा कुमारी।

गोष्ठी के अंत में मुख्य अतिथि ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज के इस दौर में इस तरह काव्य गोष्ठियों का आयोजन करके, कविता की अलख जगाना वास्तव में बड़ा ही सराहनीय कार्य है। मुख्य अतिथि द्वारा सभी साहित्यकारों के काव्यपाठ की सराहना की गई तथा यह भी कहा गया कि इस प्रकार कविताओं के माध्यम से समाज को जागरूक करने का कार्य अत्यंत सराहनीय है। विशिष्ट अतिथि ने अपने वक्तव्य में कविता की महत्ता और उपयोगिता पर प्रकाश डाला और कहा कि समाज में साहित्य की अलख जगाना हर साहित्यकार की ज़िम्मेदारी है। सभी साहित्यकारों द्वारा मंच के संस्थापक नरेश नाज़ जी का बहुत बहुत आभार प्रकट किया गया कि उनके द्वारा स्थापित संस्थाओं द्वारा देश विदेश में हिन्दी और साहित्य के प्रचार प्रसार में अत्यधिक वृद्धि हो रही है। अन्त में मंच की दिल्ली-2 इकाई की संरक्षक द्वारा सभी उपस्थित साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया  गया I