संतोष श्रीवास्तव "विद्यार्थी" के काव्य संग्रह "सब तेरे सत्कर्मी फल हैं" का लोकार्पण संपन्न

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Vivratidarpan.com सागर (म.प्र.) - नगर के काव्य-मनीषी संतोष श्रीवास्तव"विद्यार्थी"के प्रथम काव्य-संग्रह "सब तेरे सत्कर्मी फल हैं" का विमोचन,लोकार्पण व विमर्श, विगत दिवस, श्यामलम, तुलसी साहित्य अकादमी सागर एवं "विद्यार्थी" की क ख ग के संयुक्त आयोजन में,कवि के स्व.पिता ( बाबू जगन्नाथ प्रसाद श्रीवास्तव ) की 48 वीं पुण्य तिथि के अवसर पर, स्थानीय सरस्वती वाचनालय एवं पुस्तकालय के सभागार में संपन्न हुआ।

आयोजन की अध्यक्षता शुकदेव  तिवारी नें की। आयोजन के मुख्य अतिथि "गीतऋषि डा.श्याम मनोहर सिरौठिया, विशिष्ठ अतिथि द्वय क्रमश:शायर मायूस  सागरी व डा.आशीष ज्योतिषी जी रहे। सारस्वत अतिथि डा. सुरेश आचार्य अपनी अस्वस्थता के कारण उपस्थित नहीं हो सके।

पुस्तक पर समीक्षा वक्तव्य पं. टीकाराम त्रिपाठी"रुद्र" व डा.सुश्री शरद सिंह  ने तथा कवि परिचय आचार्य पंडित महेशदत्त त्रिपाठी, स्वागत भाषण अंबर चतुर्वेदी "चिंतन" एवं आभार प्रदर्शन अमित मणींकांत चौबे द्वारा प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम का संचालन डा.नलिन जैन व पुष्पेन्द्र दुबे "कुमार सागर " ने किया। संतोष श्रीवास्तव "विद्यार्थी" रचित मां सरस्वती की वंदना नगर के प्रसिद्ध गायक देवी सिंह राजपूत  तथा देव  चित्रगुप्त की वंदना पूरन सिंह राजपूत द्वारा प्रस्तुत की गई।

इस अवसर पर श्यामलम की ओर से सचिव  कपिल बैसाखिया तथा तुलसी साहित्य अकादमी सागर की ओर से अध्यक्ष अरुण दुबे ने ,कवि संतोष श्रीवास्तव "विद्यार्थी" को शाल श्रीफल व अभिनंदन पत्र भेंट कर उनका सम्मान  किया।

आयोजन में कवि संतोष श्रीवास्तव "विद्यार्थी" ने नगर के वरिष्ठ स्वर्गवासी कवियों क्रमश: स्व. निर्मल चंद जैन "निर्मल",स्व. जी.पी.चतुर्वेदी "अनंत", मणींकांत चौबे "बेलिहाज" एवं अपनें अग्रज-सम मित्र, स्व.कवि ओमप्रकाश खरे "आलोक" का स्मरण  करते हुए सम्मान -प्रतीक-चिंह, उनके परिजनों के माध्यम से भेंट किये।

कवि संतोष श्रीवास्तव "विद्यार्थी" ने आयोजन में उपस्थित नगर के अनेक वरिष्ठ कवियों का पुष्पहार, पुस्तक की एक प्रति व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान  किया।

आयोजन में उपस्थित कवि के परिजनों एवं नगर के बड़ी संख्या में उपस्थित कवि/कवयित्रीवृंद ने कवि के स्व.पिता  (बाबू जगन्नाथ प्रसाद श्रीवास्तव) के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये एवं "श्यामलम, साहित्यिक संस्था के अध्यक्ष  उमाकांत मिश्र की बड़ी बहिन, स्वर्गीय श्रीमती पद्मा शुक्ला एवं प्रसिद्ध गायक स्व. चुन्नीलाल रायकवार को उपस्थित काव्य-मनीषियों द्वारा मौन श्रद्धांजलि दी जाकर कार्यक्रम का समापन हुआ।