मानवता का धर्म - सुनील गुप्ता

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मानवता का धर्म

है सबसे परम

और सबसे बड़ा कर्म   !

चलें सदा इसे निभाते......,

और करते चलें सेवाकर्म !!1!!

कभी ना इससे

हम मुँह मोड़ें

और पुनीत कार्य करें   !

मानवता के कल्याण हेतु.....,

पुण्य धर्म कर्म करते रहें  !!2!!

बिना मोह आसक्ति

निस्वार्थ भाव संग

करते चलें सदा पुरुषार्थ   !

और प्रेम प्यार बरसाए.....,

देते चलें जीवन को अर्थ  !!3!!

ये धरा प्रकृति

जीव जंतु जगत

सेवा का पाठ सिखलाएं  !

और स्वयं के लिए ना जीएं.......,

वही मानव, श्रेष्ठ मानव कहलाए !!4!!

मानवता धर्म सिखाए 

चलें बांटते खुशियाँ

सदैव आनंद प्रेम प्यार अपार  !

महकाते मन की बगिया.....,

और करें समानता का हम व्यवहार !!5!!

-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान