राष्ट्र जागरण- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी
May 30, 2024, 23:28 IST
| नहीं पहचानते खुद को भुला बैठे विरासत को,
सभी में देश के प्रति चेतना को फिर जगाना है।
मिटी पहचान भारत की सभी के हुए कुंठित,
प्रगति की राह के रोड़े हमें मिल कर हटाना है।
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छिपाई देश की पहचान शासक जो अधर्मी थे,
सतत शोषण किया उनका हृदय से जो सुधर्मी थे।
हुआ पोषण उन्हीं का ही विरोधी जो धरोहर के,
हमें मिल भेदकारी इस सियासत को मिटाना है।
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शिखर पर विश्व के फिर से हमें निज देश लाना है।
बजे हर ओर अब तूती यही बीड़ा उठाना है
भुला पहचान भारत की कभी था देश पिछलग्गू,
सभी भ्रम दूर करके चेतना को फिर जगाना है।
- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश