राखी का त्यौहार - सुनील गुप्ता

आया राखी का त्यौहार
किया बहना ने श्रृंगार !
चली भैया के घर द्वारे.....
लेकर राखी का उपहार !!1!!
लिए हाथों में पूजा थाल
रखी उसमें है राखी चार !
चले लगाए भाल पे टीका.....,
और गाते शुभ मंगलाचार !!2!!
हाथ बढ़ाए प्यारा भैया
चले राखी प्रेम से बंधवाए !
बहना मीठा मुँह कराके....,
ढेरों उपहार सुंदर पाए !!3!!
देख तिलक भाल पे सुंदर
गर्व से भैया ख़ूब मुस्कुराए !
फिर बहना को गले लगाकर....,
राखी के गीत गुनगुनाए !!4!!
सभी के हाथों बँधी राखी
देख हर एक आनन हर्षाए !
बहना के घर आ जाने से......,
हर कोना-कोना सरसाए !!5!!
स्नेह प्रेम के रेशमी धागे
अटूट प्रेम का भाव चले दर्शाएं !
इनमें गुंथे हैं जज़्बात गहरे.....,
जो रिश्ते को उम्रभर बनाए !!6!!
भाई बहिन का रिश्ता अनोखा
बनाए रखे परिवार को एकजुट !
खून के इस पवित्र रिश्ते को.....,
ये त्यौहार बनाएं और भी अटूट !!7!!
प्रिय बहना बाँध के राखी
चाहती है भैया से एक वादा !
कि, कभी ना टूट पाए ये संबंध.....,
बस, ध्यान रखे प्रिय भैया सदा !!8!!
ये पर्व उत्सव आनंद घर लाए
जीवन सौगात दिए चले जाए !
चहुँओर बरसाके प्रेम खुशियाँ.....,
जीवन में मधुर स्मृतियाँ रचा जाए !!9!!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान