समय का सही नियोजन सफलता की कुंजी - डॉ. राकेश चक्र

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Vivratidarpan.com- समय का चक्र आदिकाल से घूमता आ रहा है। समय इतना मूल्यवान है कि उसे अपार धन देकर भी नहीं क्रय किया जा सकता है। प्रसिद्ध लेखक अरवॉल्ड बेनेट कहते हैं समय पैसे से अधिक मूल्यवान है। यदि आपके समय है तो आप चाहे जितना धन प्राप्त कर सकते हैं , पर अपने लिए एक मिनट भी अधिक नहीं खरीद सकते। समय की आपूर्ति एक दैनिक चमत्कार है।

समय ही सूर्य और चंद्रमा सम्पूर्ण भ्रमाण्ड चला और जगत को चला रहा है। वह सब कुछ निर्धारित है। समय से ही दिन और रात चल रहे हैं। ऋतुएँ बदल रही हैं , यह समय ही तो सबका गुरु। लेकिन हम जानकर भी अनजान बने रहते हैं। समय को व्यर्थ के मायाजाल में गँवा देते हैं। आज की भौतिक वादी दुनिया में अधिकांश मनुष्यों को उनका दैनिक काम इतना थका देता है कि बाकी समय यूँ ही आलस्य और प्रमाद में व्यर्थ चला जाता है। अधिकांश लोगों के जीवन का संतुलन बिगड़ गया है , जिसे ठीक रखा जाना बहुत आवश्यक है। क्योंकि बिना जीवन के संतुलन बनाए  जीवन का सही आनंद नहीं लिया जा सकता है।

ईश्वर ने हमें जन्म ही इसलिए दिया था कि हम अपने और अपने परिवार के पालन पोषण के साथ - साथ कुछ समाज व प्रकृति के लिए भी तन मन धन से उपकार कर अंशदान करें। तभी जीवन की सार्थकता है। आज हम देख रहे हैं कि लोग समय का कितना दुरुपयोग कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। बालक से लेकर वृद्ध तक समय को बेकार की गपशप और सोशल मीडिया पर व्यर्थ ही गँवा रहे हैं। दिन - रात आँखों और शरीर को बुरी तरह थका रहे हैं। टीवी और मोबाइल के मोहपाश में बंधकर देर रात तक जग रहे हैं , सुबह देर तक सोकर अपने आजकल को बरबाद कर रहे हैं।

देर रात में उनके लिए तो जगना उचित और हितकारी कहा जा सकता है , जो देश की सेवा व सुरक्षा के लिए जग रहे हैं। वे वंदनीय हैं। जैसे सेना के जवान, पुलिस और ट्रेन चालक आदि। लेकिन टीवी , लेपटॉप और मोबाइल पर गेम , फालतू की चैटिंग लाइक , कॉमेंट का मकडज़ाल या बिग बॉस जैसे फूहड़ सीरियल देखकर या जुआ, शराब आदि में देर रात तक समय बर्बाद कर रहे हैं क्या ऐसा करना उचित कहा जा सकता है , यह तो उनकी अंतरात्मा ही बता सकती है। क्योंकि ईश्वर ने रात्रि सोने के लिए बनाई है।

उन्हें उल्टे - सीधे काम और सोच रखना मन ही सिखा सकता है , क्योंकि हम अंतरात्मा की बात नजरअंदाज कर देते हैं और दुखों को आने का निमंत्रण देते रहते हैं। जब उन्हें दुख घेरते हैं तो बार बार पश्चाताप के आँसू बहाते हैं , साथ ही परिजनों के दोष मत्थे मढ़ते हैं। मैंने सैकड़ों लोगों को समय की कीमत न समझने के कारण ही अनेक समस्याओं, (अर्थात शारीरिक, मानसिक ) बढ़ाते देखा है। इसलिए मन पर नियंत्रण रखना आवश्यक है। जो मन के वशीभूत हैं, वे ही जीवन को व्यर्थ गँवा देते हैं। न उन्हें इस जीवन में यश और आनंद मिलता है और उनका आने वाला जीवन भी नरक भोगने के लिए भूमिका तैयार कर देता है। समय का सही नियोजन हमारी सफलता के लिए अति आवश्यक है। समय के सही नियोजन ने ही विषम परिस्थितियों में भी मुझ जैसे साधारण मनुष्य से ईश्वर ने लगभग बारह दर्जन विभिन्न विधाओं की अमूल्य पुस्तकों का निर्माण और जनहित व प्रकृति हित के सेवा कार्य करवाए हैं , उसका प्रमुख कारण है कि मेरा भोर में बचपन से ही अब तक जगना और जल्दी सो जाना। मैं कह सकता हूँ कि भोर में जगना ही जीवन की सफलता की महत्वपूर्ण आधारशिला है। किस डॉक्टर ने कहा है कि हम  कीमती समय को यूँ ही व्यर्थ गँवाएँ। हमारे सभी महापुरुष , वेद , पुराण , गीता आदि ग्रंथ हमें बार - बार जागरूक करते रहे हैं। लेकिन हम जानकर भी कुछ अच्छे संस्कार नहीं ग्रहण करना चाहते हैं।

मनुष्य जीवन लिया है तो मनुष्यता के कर्म करें , बच्चों में भी तभी अच्छे संस्कार और उज्ज्वल भविष्य बन सकता  है , जब उनके अभिभावकों से उन्हें अच्छे संस्कार मिलते हैं। अपने बच्चों के भविष्य के लिए ही अपने को जगा लीजिए। समय का सही उपयोग कीजिये। पुण्य और यश के भागी बनिए। मनुष्य जीवन को सार्थक करिए। (विनायक फीचर्स)