पूर्णिमा - रेखा मित्तल
Jul 4, 2023, 20:46 IST
| गुरु बिना ज्ञान नहीं,
गुरु बिन ध्यान नहीं,
गुरु बिन मति नहीं,
गुरु बिन गति नहीं।
प्रथम प्रणाम करूं मां को,
स्नेह का स्रोत,ममता की छाया,
राह दिखाई जिसने जीवन की,
अपरिमित ज्ञान से परिचय कराया,
ऐसे माता-पिता के चरणों में,
शत-शत नमन!
उंँगली पकड़कर चलना सिखाया,
इस दुनिया से परिचय कराया,
जीवन का हर पाठ पढ़ाया,
कठिन,कंटीले मार्ग पर चलना बताया,
ऐसी परमपिता सद्गुरु के चरणों में,
शत शत नमन !
शिक्षक बनकर राह दिखाई,
जीवन यापन का स्रोत बने,
अपने पैरों पर खड़े होने सिखाया,
सपनों को,हौसलों की उड़ान देने वाले,
गुरुओं को शत-शत नमन!
रेखा मित्तल, चंडीगढ़