टाइटैनिक की तरह डूबता जहाज बना पेटीएम - राकेश अचल

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vivratidarpan.com - भारत में 14  साल पहले दबे पांव आयी जिस ई-कामर्स कम्पनी पेटीएम ने अपने पांव जमाने के लिए  भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को ही अपना ब्रांड एम्बेसेडर बना लिया था।आज वही कम्पनी अरबों रूपये के सन्दिग्ध लेनदेन के आरोपों से घिरी है।अब भारतीय रिजर्व बैंक ने इस पेटीएम पेमेंट बैंक के ऊपर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए है।  29  फरवरी के बाद इस कंपनी की अनेक सेवाएं बंद कर दी जाएँगी। मनी लांड्रिंग के आरोपों से घिरी पेटीएम भारत में आ तो गयी थी कांग्रेस के जमाने में ही लेकिन यह चर्चा में आयी सन् 2016 में जब उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों के साथ अपनी कंपनी के एक-एक पृष्ठ के विज्ञापन देश के हर बड़े अख़बार और टीवी चैनलों पर दिखाए । देश की जनता ने भी इस कम्पनी पर भरोसा कर इसे हाथों-हाथ लिया। लेकिन अंततोगत्वा भारतीय रिजर्व बैंक ने इस कंपनी द्वारा किये जा रहे अरबों-खरबों रूपये के संदिग्ध लेनदेन को पकड़ा तो इस कम्पनी पर प्रतिबंध लगा दिया गया । हालाँकि बाद में सरकार ने साफ़ किया कि प्रधानमंत्री के फोटो का पेटीएम ने गलत इस्तेमाल किया और इसके लिए उसने बाद में माफी भी मांग ली थी ,क्योंकि सरकार ने उसके ऊपर जुर्माना लगा दिया था।

भारतीय रिजर्व बैंक ने  कहा है कि पेटीएम ने नियमों का उल्लंघन किया है, इसलिए ये फ़ैसला लिया गया है। बैंक के इस एलान के बाद से पेटीएम के शेयरों में भारी गिरावट आई। पेटीएम के शेयर 20 फ़ीसदी तक गिर गए। पेटीएम के शेयर का दाम 609 रुपये तक पहुंच गया है, जो बीते छह सप्ताह में सबसे कम कीमत है। आपको बता दें कि पेटीएम के पास डिजिटल पेमेंट बाज़ार का 16-17 फ़ीसदी हिस्सा है और जानकारों के मुताबिक करोड़ों लोग इससे प्रभावित होने जा रहे हैं।

देश में भाजपा की सरकार बनते ही पेटीएम की किस्मत अचानक जागी क्योंकि कंपनी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को ही अपने ब्रांड एम्बेसेडर के रुप में प्रस्तुत कर दिया था।  उनकी तस्वीरों वाले विज्ञापन जब अख़बारों और दूसरे माध्यमों में आये तो देश की जनता ने इस कम्पनी को हाथोंहाथ लेना शुरू किय। 2014 में, कंपनी ने भारत के सबसे बड़े मोबाइल भुगतान सेवा मंच 'पेटीएम वॉलेट' का शुभारंभ किया। यह सेवा उबेर , बुक माय शो और मेक माय ट्रिप  जैसी इन्टरनेट कंपनियों के पार भुगतान का पसंदीदा तरीका बन गया। तीन साल बाद ही  2017 में पेटीएम  ने पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड (PPBL) नाम का नया बैंक शुरू किया  । इसके अंतर्गत अब सभी पेटीएम वॉलेट को पेटीएम बैंक में तब्दील कर दिया गया लेकिन इस शर्त के साथ कि सभी खाताधारकों का केवायसी द्वारा सत्यापन कराया जाएगा।

आज की तारीख में भारत में पेटीएम प्रीपेड मोबाइल, डीटीएच, डाटाकार्ड रिचार्ज, पोस्टपेड मोबाइल, लैंडलाइन, और डाटाकार्ड बिल भुगतान के लिए सभी राज्यों में सभी मोबाइल ऑपरेटरों के साथ काम करता है। इसने कई राष्ट्रीय बैंक के क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, और नेटबैंकिंग भुगतान के साथ भागीदारी की है। पेटीएम उपयोगिता बिल भुगतान के लिए विभिन्न कंपनियों के साथ काम करता है।

यदि आपकी याददाश्त दुरुस्त हो तो आपको याद होगा कि भारत में नोटबंदी के बाद 'पेटीएम करो' एक बेहद आकर्षक मुहावरा बन गया था और इसका श्रेय पेटीएम कंपनी के संस्थापक विजय शेखर शर्मा को जाता है। एक सुरीली आवाज में ये स्लोगन जब बजता था उसके फौरन बाद प्रधानमंत्री की तस्वीर भी स्क्रीन पर उभरती थी। कहते हैं कि  विजय ऐसा नारा देना चाहते थे जो उनकी कंपनी को गूगल और ज़ेरोक्स की तरह ब्रैंड बना सके क्योंकि सर्च इंजन या फ़ोटोकॉपी के लिए इन कंपनियों के नाम इस्तेमाल होते हैं। 

विजय शर्मा पेटीएम को ई-वॉलेट लेन-देन का पर्याय बनाना चाहते थे। लेकिन अब डाटा असुरक्षित होने के आरोपों के बाद कंपनी पर कई सवाल खड़े हुए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा देश में प्लास्टिक करेंसी को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किये गए अभियान का पूरा लाभ पेटीएम को मिला । पेटीएम एप भी बनाया गया है जो आज के सभी स्मार्टफ़ोन ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्राइड, एप्पल, और विंडोज पर काम करता है । इसमें हम बहुत सारे कैशलेस लेनदेन कर सकते हैं।  इस एप के माध्यम से शापिंग, ट्रेन और हवाई जहाज के टिकट बुकिंग, मोबाइल और डिश रिचार्ज, फिल्मों के टिकट भी खरीदने की आदत लोगों को पड़ गयी है ,लेकिन अब सब गफलत में पड़ता दिखाई दे रहा है।

पिछले छह सालों में पेटीएम के 12.5 करोड़ उपयोगकर्ता थे। हालांकि, इसको छोटी दुकानों और व्यापारियों के साथ जोड़ भी दिया गया लेकिन फिर भी लेनदेन की संख्या काफ़ी कम रही।  रिजर्व बैंक ने अपने बयान कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ कार्रवाई बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35A के तहत की गई है। रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने मार्च 2022 में पेटीएम पेमेंट्स बैंक से नए कस्टमर्स जोड़ना बंद करने को कहा था।

संतोष की बात ये है कि  फिलहाल, आपके पेटीएम वॉलेट और पेटीएम पेमेंट्स बैंक खाते में मौजूद पैसा सुरक्षित है। आप 29 फरवरी, 2024 तक इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। 29 फरवरी के बाद आप अपना पैसा बिना किसी शुल्क के अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर सकते है।

आप अपना पैसा पेटीएम मर्चेंट स्टोर्स पर खर्च कर सकते हैं जो पेटीएम क्यूआर कोड स्वीकार करते हैं। बताया गया है कि पेटीएम पूरी तरह बंद नहीं हो रहा है।  यह भुगतान गेटवे के रूप में काम करना जारी रखेगा, अर्थात  आप क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग का उपयोग करके भुगतान कर सकते है। तथापि , आप पेटीएम वॉलेट में नया पैसा नहीं जोड़ पाएंगे और फंड ट्रांसफर जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होंगी । सूत्रों के अनुसार पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) के पास लाखों गैर-केवाईसी अनुपालन वाले खाते थे और हजारों मामलों में कई खाते खोलने के लिए एक ही पैन का उपयोग किया गया था। सूत्रों ने कहा कि ऐसे उदाहरण हैं, जहां लेनदेन का कुल मूल्य करोड़ों रुपये में है, जिससे धन शोधन की चिंताएं बढ़ रही हैं।

आरबीआई और लेखा परीक्षकों दोनों द्वारा आयोजित सत्यापन प्रक्रियाओं के दौरान ये बात सामने आई है।  सूत्रों ने कहा कि आरबीआई को चिंता है कि कुछ खातों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा सकता है।  प्रवर्तन निदेशालय को सूचित करने के साथ-साथ, आरबीआई ने अपने निष्कर्ष गृह मंत्रालय और प्रधान मंत्री कार्यालय को भी भेजे है ।

   पेटीएम का शेयर आज टाइटैनिक जैसा डूबता जहाज बन गया है और इसमें सवार मध्यप्रदेश के निवेशकों के अब तक 34 करोड़ 68 लाख रुपए डूब चुके हैं। पेटीएम के शेयरों में ये गिरावट कब थमेगी, ये दूर दूर तक नजर नहीं आ रहा है। पेटीएम का क्या होगा, ये तो भविष्य ही बताएगा, लेकिन इसने देश के निवेशकों की खून-पसीने की गाढ़ी कमाई के नुकसान के साथ उनके विश्वास को हिलाकर रख दिया है। (विभूति फीचर्स)