पैरोडी - मधु शुक्ला
Feb 8, 2024, 23:20 IST
| मेरे मन में पी एम और तेरे मन में सी एम,
का बोल नेता बोल संगम होगा कि नहीं।
कितनीं रतियाँ बीत गईं हैं, सपना मधुर सजाने में।
मेरे जैसा धीरज वाला , नेता नहीं जमाने में।
भैय्या बिगड़ा वक्त कभी कम होगा कि नहीं - - - - -।
का बोल नेता बोल संगम- - - - -।
कुर्सी की मोहे आस लगी है , ज्यौं वर्षा को सावन की।
जाने कब दिखलायें भगवन, सूरतिया मनभावन की।
वोट बैंक प्रतिद्वंद्वी का कम होगा कि नहीं - - - - - -।
का बोल नेता बोल संगम- - - - -।
बीत रही है उमर हमारी , कुर्सी कुर्सी गाने में।
वक्त नहीं अब अधिक बचा है, यमदूतों के आने में।
मंशा पूरी इस जीवन में, होगी कि नहीं - - - - -।
का बोल नेता बोल संगम- - - - -।
मेरे मन में पी एम और तेरे मन में सी एम,
का बोल नेता बोल संगम होगा कि नहीं।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश