पाकिस्तान के आम चुनावों के नेता और उनके मुद्दे - सुभाष आनंद

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vivratidarpan.com - पाकिस्तान में ज्यों-ज्यों चुनाव निकट आ रहे हैं त्यों-त्यों राजनीतिक पार्टियों की गतिविधियां बढ़ती जा रही है। राजनीतिक पार्टियों के लोग एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने देश को पतन की तरफ धकेला है। पाकिस्तान के आवाम को एक तरफ फौजी बूटो की चाप सुनाई देती है तो दूसरी तरफ अवाम लोकतंत्र से भी खुश नहीं है इसीलिए आगामी 8 फरवरी को होने वाले चुनाव में कोई ज्यादा उत्साह देखने को नहीं मिलता। जनता को मालूम है कि यहां भ्रष्ट राजनीतिक लोगों के बड़े-बड़े वायदे कभी पूरे नहीं हो सकते। देश में कोई भी सरकार आ जाए उनकी मुश्किले कम होने वाली नहीं है। पाकिस्तान पतन की ओर जा रहा है। पाकिस्तानी आवाम को एक बार पुन: लोकतंत्र खतरे में नजर आता नजर आ रहा है।

पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ जो पाकिस्तान मुस्लिम लीग पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। इस बार चुनाव मैदान में पुन: उतरे हैं। चतुर राजनीतिज्ञ नवाज एक मंझे हुए योद्धा हैं। उन्होंने सेना नियंत्रित प्रशासन के सामने घुटने टेकने की बजाए देश की खूनी राजनीति में छलांग लगाने का निर्णय लिया। फौज ने नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद से उतारा था। नवाज शरीफ अपने विपरीत आए फैसलों से भागना नहीं चाहते थे। उन्होंने कहा था कि वह वापिस आएंगे और जेल जाने का सामना करेंगे लोकप्रिय बने रहने के लिए नेताओं को यह कीमत चुकानी पड़ती है। भ्रष्टाचार को लेकर नवाज शरीफ एक बड़ा मुद्दा नहीं बना सकते। प्रधानमंत्री बनने से पहले उनकी छोटी सी फैक्ट्री थी परन्तु आज 25 से ज्यादा कारखाने हैं।

नवाज शरीफ को 10 साल की सजा सुनाई गई थी। पाकिस्तान में इस बात की चर्चा है कि उन्हें न्याय नहीं मिला। आज पाक में जो राजनीतिक परिस्थितियां है उनमें नवाज शरीफ सर्वश्रेष्ठ राजनीतिज्ञ हैं। पाकिस्तान में नवाज शरीफ ऐसे नेता हैं जिनका आधार पूरे पाकिस्तान में हैं। वे लंदन से लौटकर जेल गए जो यह दिखाता है कि वह पाकिस्तान के लिए पूरी तरह समर्पित नेता हैं।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता आसिफ अली जरदारी के बड़े पुत्र बिलावल भुट्टो को पाकिस्तान के आगामी चुनावों में देश के प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया है। स्व. बेनजीर भुट्टो की लोकप्रियता का उनको लाभ मिल सकता है। सिंध प्रांत में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का काफी आधार माना जाता है। पाकिस्तान में शरीफ के मंत्रिमंडल में वह विदेश मंत्री भी रह चुके हैं। जरदारी अगले महीने होने वाले चुनावों में अपने गृह नगर नवाबशाह से उम्मीदवार है। बेनजीर भुट्टो के प्रधानमंत्री के दौरान जरदारी पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। उन्हें तो लोग 10 प्रतिशत के नाम से पुकारते थे। विलावल भुट्टो सेना के भी आलोचक रहे हैं। उन्होंने कश्मीर पर पाकिस्तानी नेताओं की नाकामी को उजागर किया है। जरदारी कहते हैं कि अब कम से कम खराब विकल्प को चुनना पड़ेगा।

कभी पाक फौज के लाड़ले समझे जाने वाले इस समय पाकिस्तान की जेल में इमरान खान कैद हैं। तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पाकिस्तानी अदालतों ने सजा भी सुना दी है। आतंकी हमले के मास्टर माइंड और लश्करे-ए-तैयब के संस्थापक हाफिज सईद की राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान में राष्ट्रीय और प्रांतीय निर्वाचन क्षेत्र की प्रत्येक सीट पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं। हाफिज सईद का बेटा तल्हा सैयाद भी नेशनल असेम्बली 127 एन.ए. लाहौर से चुनाव लड़ेगा जबकि पार्टी का अध्यक्ष खालिद महमूद सिंधु नवाज शरीफ के विरुद्ध चुनाव लड़ेंगे। पाकिस्तान की पी.एम.ए. एल. का चुनाव चिन्ह कुर्सी है।

मुंबई हमलों का मास्टर माइंड हाफिज सईद पाकिस्तान में होने वाले 8 फरवरी के आम चुनाव के प्रचार में जुट गया है। वह भारत के विरोध के नाम पर उम्मीदवारों के लिए वोट मांग रहा है हालांकि वह स्वयं चुनाव नहीं लड़ रहा। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार वह लाहौर, इस्लामाबाद, फैसलाबाद, सरगोधा, साहीवाल और झांग में अपनी रैलियां कर चुका है। पाकिस्तान को इस्लामी देश बनाने की बात बार-बार कह रहा है, कश्मीरियों को आजादी दिलवाने वाले की बातें करता है। ए.ए.टी. के बैनर तले 295 उम्मीदवार मैदान में उतारे गये हैं जिनमें 13 महिलाएं हैं।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (शहीद भुट्टो) की नेता धिनवा भुट्टो स्व. बेनजीर भुट्टो के भाई स्व. मुर्तजा भुट्टो की विधवा पत्नी है। इस आम चुनाव में उसकी कोशिश पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के नेता नवाज शरीफ के साथ समझौता करके चुनाव लडऩे का है। उसका लक्ष्य विलावल भुट्टो को प्रधानमंत्री बनने से रोकना है पिछले चुनावों में उनको कोई खास सफलता नहीं मिली थी।

उन्होंने भ्रष्टाचार तथा देश की आर्थिक स्थिति की बदहाली को लेकर चुनावी मुद्दा बनाया था। इस  पार्टी का ज्यादा असर केवल सिंध प्रांत में है।

धिनवा भुट्टो की बेटी फातिमा भुट्टो ने कहा है कि देश में फैले आतंकवादियों को धर्म से कुछ भी लेना देेना नहीं है। भुट्टो ने हाल ही में अपनी पुस्तक द सअवेज में लिखा है कि हिंसा में जलती हुई दुनिया में आधुनिक मुस्लिम पहचान को बचाना होगा। आतंकवाद की समस्या पाकिस्तान में बहुत जटिल बनती जा रही है। (विनायक फीचर्स)