नया साल - सम्पदा ठाकुर
Jan 2, 2024, 23:19 IST
| अंधकार से अंधकार की ओर नही,
चलो प्रकाश की ओर चलते है।
कब तक भटकते रहे इधर-उधर,
इस भटकाव से बाहर निकलते है।
मिले दिशा नई इस समाज को,
मिलकर कुछ ऐसा काम करते है।
रहेना कोई वंचित जहां में खुशी से
घर-घर ख़ुशियों के दीप जलाते है।
गिराकर ऊंच-नीच की दीवार को,
आओ एक दूसरे को गले लगाते है।
ये बीतता साल कह रहा है हमसे,
चलो रूठे हुए अपनों को मनाते है।
फैले हर तरफ जग में भाईचारा,
मानवता की ऐसी ज्योत जलाते है।
हर तरफ हो शांति,सदभाव सम्पदा,
यही हसरत लिए नया साल मनाते है।
- सम्पदा ठाकुर , मुंगेर , बिहार