नेताजी सुभाषचंद्र बोस - कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

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इस धरती पर यदा कदा ही, वीर जनम लेते हैं।

मातृभूमि के लिए सदा ही, वो जीते मरते हैं।1

नेताजी सुभाष के जैसे, विरले हो पाते हैं।

पराधीनता दूर भगाने, खुद शीश चढ़ाते हैं।2

शौर्य और साहस अदम्य अरु, रणनीतिक चतुराई।

अपने कौशल के बल बूते, सेना एक बनाई।3

अलख जगाने आज़ादी की, वह सबसे थे आगे।

अंग्रेजों को धता बता कर, छद्म वेश में भागे।4

अंग्रेजों के जो दुश्मन थे, उनको था उकसाया ।

अंडमान को अंग्रेजों के, चंगुल से छुड़वाया।5

भारत को स्वाधीन कराना, उनका लक्ष्य बड़ा था।

नींव रखी थी जो सुभाष ने, उसका लाभ मिला था।6

भूल न सकते भारत वासी, अपने नेता जी को।

इसीलिये हर साल इसी दिन, करते याद उन्हीं को।7

- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश