नर्म सा एहसास बनके - राजू उपाध्याय
Oct 14, 2024, 22:44 IST
| तेरी
हँसती हुई
आँखों में यारा,
खुशनुमा सी
बात थी..!
जब
तूं नर्म सा
एहसास बनके,
जिंदगी के
साथ थी...!
हमने
तुझको छू कर
देखा फकत
उँगलियों के
पोर से ,,
उस
हमख्याल
अंजुमन की,
वो कितनी
प्यारी रात थी..!
- राजू उपाध्याय, एटा, उत्तर प्रदेश