मुक्तक  (नेपाली) - दुर्गा किरण तिवारी

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भुल्न हुन्न विगतका कुराहरू आफैंलाई खामेर हेर,

के-कस्ता हुन्छन् संर्घषका दिनहरू आफैं छामेर हेर,

अर्काको काँधमा चढेर के सदाचारको फुर्ति झार्छौ ?

तिमी समर्थ छौ भने आफ्नो भार आफैं थामेर हेर ।

(हिंदी) - 

अतीत की बातें भूलनी नहीं चाहिए, खुद खाने की कोशिश करें,

संघर्ष के दिन क्या होते हैं, खुद को देख लो,

दूसरों के कंधों पर चढ़कर अच्छाई का घमंड करते हो?

यदि आप सक्षम हैं, तो अपना बोझ खुद पकड़ कर प्रयास करें।

- दुर्गा किरण तिवारी, पोखरा,काठमांडू , नेपाल