मां - राजेश कुमार झा

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मां के जैसा दुनिया में कोई और नही।
ईश्वर भी कभी  रहा मां की ममता से अछूता नहीं।।
मेरी क्या विसात कि मां की ममता का गुणगान करू।
मां के आगे तो ईश्वर भी कुछ नही।।
चाहे राम हो कृष्ण इन सब पर भी कृपा मां की ही रही।
इस जग में मां के त्याग और बलिदान की कोई पराकाष्ठा नही।।
मां इस धरती पर भगवान का ही रूप है। 
क्योंकि धरती पर ईश्वर हर एक के साथ रह सकता नही।।
इसलिए मां से बढ़कर दुनिया में और कुछ नही।
मां ममता की मूरत प्रेम और दया का सागर है।
इसकी गहराई के आगे महासागर भी कुछ नही।।
हम हजार जन्म लेकर भी मां का ऋण उतार सकते नही।
हमने स्वर्ग देखा ईश्वर को।। 
मेरी मां के प्यार सामने स्वर्ग और ईश्वर कुछ भी नही कुछ भी नही ।।
- राजेश कुमार झा, बीना,  मध्य प्रदेश