माँ - मधु शुक्ला
Sep 4, 2023, 21:57 IST
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तेरी मेहरबानी से माँ, मैं दुनियाँ में आया हूँ।
सीरत, सेहत दोनों उत्तम, तेरे कारण पाया हूँ।
त्याग, प्रेम माँ तेरे जैसा, कहीं नहीं मैने देखा।
कभी आपने नहीं बनाई, ममता की सीमा रेखा।
जीवन मेरा गढ़ा तुम्हीं ने, माँ मैं तेरी छाया हूँ......... ।
अपने अनुभव की दौलत से, मेरा रक्षा कवच बुना।
मुझे बचाया कंटक मग से, पथ उत्तम हर वक्त चुना।
प्यार तुम्हारा पाकर हर पल, माता मैं मुस्काया हूँ......... ।
तेरे उपकारों की गणना, करूँ नही क्षमता मेरी।
देवों ने भी शीश झुकाया, ऐसी हस्ती है तेरी।
इस जग में बस तू ही सच्ची, बाकी दुनियाँ माया है..... ।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश