याद आती है - अनिरुद्ध कुमार

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याद आती है तुम्हारी आज तो,

याद तेरी है सताती आज तो।

नाज नखड़ें याद आतें है सदा,

हर अदायें जुल्म ढ़ाती आज तो।

खूबसूरत प्यार का वो सिलसिला,

बेकरारी को बढ़ाती आज तो।

रास्ता बैठे निहारें रात दिन,

कर रहें है इंतजारी आज तो।

जिंदगी हैरान सी लगती सदा,

राह देखें हैं तुम्हारी आज तो।

अनि हमेशा याद करता है तुम्हें,

हो गया तेरा पुजारी आज तो।

- अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड