मेरे राम आएंगे - सुनील गुप्ता
मेरे
राम आएंगे
हर्षाएगी मन दुनिया !
अपलक निहारेंगे.......,
बरसेगी चहुँ ओर खुशियाँ !!1!!
बैठे
बाट जोहते
थकी नहीं अँखियाँ !
राम-राम भजते......,
नाचे तन-मन बगिया !!2!!
कैसे
हो रामलला
चले आओ अयोध्या !
गुजरे पांच सौ बरस.......,
जाए बीती उमरिया !!3!!
तेरे
आए द्वारे
बांधे आशा गठरिया !
नयनों से झरें.....,
भाव नीर नदिया !!4!!
खेले
दिखलायीं लीलाएं
वनवास सारा बिताया !
विश्वास चले दिलाए.......,
शबरी सा इंतजार करवाया!!5!!
खेते
जीवन नावको
रामभरोसे बचा पाया !
चले बसाएं श्रीरामजी को.......,
सौभाग्य हर्षाते आया !!6!!
देते
श्रीराम दुआएं
जीवन चला सरसाया !
दर्शन की आस लगाए.....,
खिला आनन मुस्कुराया !!7!!
लेते
श्रीराम का नाम
खिल आए मन बगिया !
भव्य बना अयोध्याधाम.....,
लहराए आए केसरिया !!8!!
घेरे
बैठे सभी
लक्ष्मण राम सीता मैया !
करते चाकरी हनुमंत......,
राममय हुयी अयोध्या !!9!!
सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान