मेघपत्र - मीनू कौशिक
Updated: Jul 25, 2023, 23:01 IST
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दूत बनाकर घन को प्रभु ने, संदेशा भेजा है ।
चेतावनी से भरा मेघपत्र, हम सबको भेजा है ।
लिखा है उसमें हे मानव, तू जी सबको जीने दे ।
स्वच्छ वायु निर्मल जल ,तू पी सबको पीने दे ।
प्रेम प्रकृति से कर वरना, पीछे तू पछताएगा ।
समय निकल जाने पर, हाथों को मलता रह जाएगा ।
लालच में पड़कर तूने, जंगल सभी उजाड़ दिए हैं ।
पैमाने जीवन जीने के, स्वार्थ हेतु सब उखाड़ दिए हैं ।
एक मात्र तेरे कारण ही, सभी संतुलन बिगड़ रहे हैं ।
मानवता और प्रेम दया के , रिश्ते सारे बिखर रहे हैं ।
संभल अभी भी बच सकता है, यह सुंदर संसार मेरा ।
बस केवल आधार सृष्टि का, प्यार भरा व्यवहार तेरा ।
- मीनू कौशिक "तेजस्विनी", दिल्ली