मेरी कलम से - मीनू कौशिक "तेजस्विनी"
Jan 3, 2024, 22:57 IST
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गिद्ध दृष्टि लक्ष्य धर, तू बाज - सी उड़ान भर,
ओखली दिया है सर, तो मूसलों से तू न डर ।
विघ्न सारे हार कर , चरण तेरे धरेंगे सर ,
उठ प्रचंड जोश भर, तू लक्ष्य का संधान कर ।
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नज़र शिखर पर पाँव जमीं पर ,दिल में आग सुलगती रख,
सच का साथ कपट से कट्टी, सीरत सच उगलती रख।
डरे बुराई सम्मुख आते , इतना दम किरदार में हो,
रब का बंदा है तो रब की ,कुछ तो शान झलकती रख ।
- मीनू कौशिक "तेजस्विनी", दिल्ली