भावार्थ - रश्मि मृदुलिका By Vivrati darpan | Sep 14, 2023, 23:14 IST प्रेम नहीं रूक सकता, दुआओं में बसता है| तुम्हारे लिए जगाया है| अब सो नहीं सकता| पाप क्या, पुण्य क्या, आज है और कल क्या, तुम्हारे हृदय क्या, तुम जानो, नारी मन बसा सो बस गया,, - रश्मि मृदुलिका, देहरादून , उत्तराखंड Trending Featured READ MORE