सबकी उन्नति हों - हरी राम यादव
Nov 5, 2023, 22:56 IST
| मानव सृष्टि का केवल एक बिंदु,
सृष्टि विस्तृत इतनी जैसे सप्त सिंधु।
लोभ, मोह और मद में मानव,
जीवन भर है डूबता उतराता।
जीवन का है उद्देश्य अपरिमित,
जिसको वह कभी समझ न पाता।
निज गुमान में वह ऐंठा रहता,
औरों को आगे वह देख न पाता।
समय की हवा का एक थपेड़ा,
उसको अपने संग उड़ा ले जाता।
लड़ता जिसको कहकर अपना,
वह सब कुछ सपना सा खो जाता।
नेक नीयत और परहित वाला,
जग में अपना नाम अमर कर जाता।
पर उन्नति से दाहक सा जलने वाला,
बिन तेल के दीपक जैसा बुझ जाता।
हरी सार यही है मानव जीवन का,
सबकी उन्नति से हों आप प्रसन्न।
सदा रहे भावना मन में परहित,
मिले सभी को जल और अन्न।।
- हरी राम यादव, अयोध्या, उत्तर प्रदेश
फोन नंबर – 7087815074