मणिपुर - निहारिका झा

 | 
pic

जाने कैसा कलियुग आया।

तार तार मानवता है

बर्बरता का ऐसा मंजर

शर्म  लगे शर्मिंदा है

करता नहीं विरोध कोई

छुट्टा घूम रहे अपराधी

मां बहनों की अस्मत  को

करते तार तार अपराधी

पद शोहरत का रौब जमा कर  

दहशत का माहौल बनाएं

सत्ता धीश हैं आंखें मीचें

जनता को ये खूब सताएं

मां रोती है कोख को अपनी

जन्म दिया क्यों हैवानों को

अपने दुष्कर्मों से ये

 करते कुल शर्मिंदा हैं

निज लिप्सा की खातिर  देखो

अस्मत नारी  की हैं लूटें

कांप गया हर जन का मन

करता हर उर कृंदन है

मिले सजा इनको ऐसी

ना हो ऐसा कृत्य दोबारा

करता हर जन

अब शासन  से

एक यही गुहार है।।

एक यही....

 श्रीमती निहारिका झा।।

खैरागढ़ राज.(36गढ़)