महाकुंभ प्रयागराज - निहारिका झा
Jan 15, 2025, 23:11 IST
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आया बारह बरस में ,महाकुंभ त्यौहार।
संगम में करने स्नान, उठे भक्ति का ज्वार।
लगे कुंभ प्रयाग में , आस्था का आगाज।
लगा लो डुबकी कुंभ में, हों पूरण सब काज।।
धर्म संस्कृति का संगम है जीवन का राग।
जो जुड़ता अध्यात्म से, जग से हुआ विराग।।
धर्म कर्म संस्कार है भारत का रिवाज ।
महाकुंभ प्रयाग का ,यह संदेश है आज।।
- श्रीमती निहारिका झा, खैरागढ़ राज, छत्तीसगढ़