समृद्धि और सम्मान के संकल्प को पूरा करती मध्य प्रदेश सरकार

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vivratidarpan.com- जनजातीय समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें समृद्धि और सम्मान दिलाने के लिए मोदी जी की हर गारंटी को पूरा करने मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव पहले दिन से ही जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कमजोर वर्ग के हितों में निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने तेंदूपत्ता संग्राहकों के पारिश्रमिक को ₹3 हजार से बढ़ाकर ₹4 हजार प्रति मानक बोरा कर प्रदेश के 35 लाख से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों के हित में फैसला लिया। राज्य में जनजातीय कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चल रही हैं, लेकिन केन्द्र में नरेन्द्र मोदी सरकार आने के बाद से डबल इंजन सरकार के प्रयासों से मध्यप्रदेश की जनजातियों की सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति में काफी बदलाव आया है। साथ ही जनजातीय नायकों को वो सम्मान भी मिला है जिसके वो हकदार हैं। 
जनजातियों के हितों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार-  
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुसूचित जाति और जनजाति के विकास के लिये कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए एवं उन्हें जमीन पर उतारकर जनजातीय कल्याण की दिशा में ऐतिहासिक कार्य किए हैं। 2014 के बाद जनजातीय कल्याण के बजट में कई गुना बढ़ोत्तरी हुई है परिणाम स्वरूप जहां सिर्फ 167 एकलव्य विद्यालय हुआ करते थे, मोदी सरकार ने इनकी संख्या बढ़ाकर 690 कर दी है, मध्यप्रदेश को भी इसका फायदा मिला है। प्रधानमंत्री जन-मन योजना के अंतर्गत प्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल जिलों में 7 हजार 300 करोड़ रु से अधिक की लागत से आंगनवाड़ी केंद्रों, छात्रावासों, बहुउद्देश्यीय केंद्रों और आवासों के निर्माण का निर्णय लिया गया है।  इस योजना के तहत प्रदेश के 23 जिलों की 4 हजार 597 बसाहटों में निवास करने वाले बैगा, सहरिया, भरिया जनजाति के 11 लाख से अधिक जनजातीय भाई बहनें लाभान्वित होंगे।  इसी तरह से आहार अनुदान योजना में विशेष पिछड़ी जनजातियों की बहनों के  खातों में 29 करोड़ रु से अधिक की धनराशि अंतरित की गयी है।  मोदी सरकार ने 200 करोड़ रूपये की लागत से देशभर में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय स्थापित करवा रही है। जनजातियों के प्रमुख जननायक टंट्या मामा, भीमा नायक, खज्जा नायक, संग्राम सिंह, शंकर शाह, रघुनाथ शाह, रानी दुर्गावती, रानी कमलापति, बादल भोई, राजा भभूत सिंह, रघुनाथ मंडलोई भिलाला, राजा ढिल्लन शाह गोंड, राजा गंगाधर गोंड, सरदार विष्णु सिंह उईके जैसे जनजातीय नायकों को मध्यप्रदेश सरकार ने पूरा सम्मान दिया है।