मधुमासी मुक्तक - कर्नल प्रवीण त्रिपाठी
Sun, 12 Mar 2023
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होलिका उत्सव मनाया जोश से इस साल भी,
प्रेम का मेला लगा जोश से इस साल भी।
एकता की शक्ति दिखती देश के हर पर्व से,
रंग में भारत नहाया जोश से इस साल भी।
दिन बड़े होने लगे रातें सिकुड़ने सी लगीं,
आम से अमराइयों की डालियाँ झुकने लगीं।
ताप के अनुसार पकते जौ चने गेहूं सदा,
रोज फसलें खेत में रंगत बदलने सी लगीं।
- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश