गीत - जसवीर सिंह हलधर

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देश वासियो भूल न जाना ,किस्सा वीर सुभाष का ।

बहुत जरूरी हिस्सा है ,आज़ादी के इतिहास का ।।

सन अट्ठारे सौ सतानवें, शुभ दिन ऐसा आया था ।

तेइस जनवरी तिथि को हमने , अनुपम नेता पाया था ।

कटक नगर का ज़र्रा ज़र्रा, फूला नहीं समाया था ।

बापू ने मिष्ठान बांट कर , घर में जश्न मनाया था ।

बंगाली धरती में जन्मा ,पौधा एक विकास का ।।

देश वासियो भूल न जाना ,किस्सा वीर सुभाष का ।।1

गोरों की धरती पर जाकर ,शिक्षा पूर्ण करी जिसने ।

भारत में गोरे शासन की , सिल्ली चूर्ण करी जिसने ।

क्रांति पताका फैराने की,विधि सम्पूर्ण करी जिसने ।

आज़ादी के लिए नीतियां ,अपनी घूर्ण करी जिसने ।

जिसको रास न आया रस्ता,गांधी के संन्यास का ।।

देश वासियो भूल न जाना ,किस्सा वीर सुभाष का ।।2

द्वितीय विश्व युद्ध में जिसने ,आगे कदम बढ़ाया था ।

जर्मन में हिटलर से जाकर ,जिसने हाथ मिलाया था ।

शोणित बदले आज़ादी का ,जिसने मंत्र सुझाया था ।

भारत भू पर विजय क्रांति का ,जिसने विगुल बजाया था ।

जिसने दीप जलाया घर घर,एक नए विश्वास का ।।

देश वासियो भूल न जाना,किस्सा वीर सुभाष का ।।3

सिंगापुर से देश वासियों को , आवाज़ लगाई थी ।

आज़ादी के लिए बोस ने ,अपनी फौज बनाई थी ।

ब्रह्म देश में राष्ट्र पताका ,उसने ही फहराई थी ।

खूनी हस्ताक्षर करने को, युवकों में अंगड़ाई थी ।

जिसके कारण अंत हुआ था ,भारत के संत्रास का ।।

देश वासियों भूल न जाना ,किस्सा वीर सुभाष का ।।4

खोज रहे अंग्रेज उसे पर , ज्ञात न ठौर ठिकाना था ।

भारत मां का राजदूत, आज़ादी का दीवाना था ।

लड़कर लेंगे आज़ादी , संकल्प उसी ने ठाना था ।

दिल्ली चलो बोस का नारा , जन गण ने पहचाना था ।

"हलधर"मोल चुकाएगा क्या , नेता के अधिवास का ।।

देश वासियो भूल न जाना ,किस्सा वीर सुभाष का ।।5

 - जसवीर सिंह हलधर, देहरादून