चल फिर ढूंढें - रश्मि मृदुलिका
Sep 5, 2023, 22:57 IST
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कोई खोया हुआ पल फिर ढूंढें,
सोई राते, ख्वाब चल फिर ढूंढें।
रूखसत ए जिंदगी, ठहर जा,
कोई जिंदा वक्त, चल फिर ढूंढें।
बेनाम रिश्तों में उलझ गए किस्से,
कोई राब्ता रिश्ता, चल फिर ढूंढें।
पहचाने चहरे धुंध बन धुआं हुए,
कोई चेहरा अपना ,चल फिर ढूंढें।
खत्म कैसे हो,सांस जब तक है,
आ जीवन नया, चल फिर ढूंढें।
उदास आंखें क्यों, लोग पूछते हैं,
हंसी का वो बहाना, चल फिर ढूंढें।
-रश्मि मृदुलिका, देहरादून , उत्तराखंड