पुकारते चलो यहां - सुनील गुप्ता
Mar 3, 2023, 20:22 IST
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पुकारते चलो यहां
ये ज़िन्दगी बुला रही !
सजा लो सपना नया ....,
जो ज़िन्दगी दिखा रही !!1!!
ढल रही शाम फिर
चांदनी उतर रही !
बदल रहे रंग फ़िर.....,
महफिलें सज रही !!2!!
आवाज दो तुम यहां
मुस्कुरा के वो आएंगे !
जो खो गए थे कहीं.....,
वो लौट के आएंगे !!3!!
खामोश है ज़िन्दगी
बेचैनियों से भरी !
गुनगुना दो ज़रा.....,
तो खिल उठे हरी-हरी !!4!!
बदल रही ज़िन्दगी
दौड़ती जा रही !
है गमज़दा आदमी.....,
सुनी अनसुनी कर रही !!5!!
ज़िन्दगी सिमट रही
दफ़न हो रही यहां !
खुली हवा आने दें....,
चहकने दें इसे यहां !!6!!
आओ भरें नयी उड़ान
चलें पकड़ मंज़िल नयी !
ढूंढ के नया आसमां......,
तलाशें सुकून फ़िर यहीं !!7!!
- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान