आओ हम वह ध्वज फहरायें - हरी राम

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चलो आज हम अपने द्वारे,

   उस ध्वज को फहरायें।

जिस ध्वज को रख सिर पर,

   बलिदानी अपने घर को आयें।

जो अमर हो गए देश के खातिर,

   उनके सम्मुख शीश झुकाएं।

धूप दीप नैवेद्य समर्पित कर,

   पुष्प की माला उन्हें चढाएं।

जो त्यागे अपना अमन चैन,

   और छोड़े अपना घर परिवार।

आबादी की आजादी के कारण,

   स्वहित को जिसने दिया बिसार।

वंदेमातरम के नारों से जिसने,

   स्वाधीनता को किया गुलजार।

ऐसे आजादी के नायकों को,

   'हरी' करें नमन सौ सौ बार।।

नगर, डगर और उनके घर,

   हैं देवालय, तीरथ,चारों धाम।

उनके परिजन की तो पूजा,

   जीवन में करें सदा अविराम।

जिनके पौरूष के बल पर,

   आये दीवाने देश के काम ।

रहें कृतज्ञता सदा हमारी,

   यह ही होगा उनका सम्मान।।

 - हरी राम यादव, अयोध्या, उत्तर प्रदेश