आओ हम दीपक बन जाएं - कालिका प्रसाद

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आओ हम दीपक बन जाएं

भटके जन को राह दिखाएं,

अमावस का  सघन अंधेरा

दूर करें   प्रकाश   फैलाएं।

आओ हम दीपक बन जाएं

दिवाली में  हम जगमगाएँ,

दुख पीड़ा को सहकर भाई

दीन दुखियों को हम हसाएँ।

आओ हम दीपक बन जाएं,

ताकि कुम्हार भोजन जुटाए,

उसके भी बच्चे खुशी-खुशी

दीप जला दिवाली मनाएँ।

आओ हम दीपक बन जाएं,

आरती थाल में   सज जाएँ,

ईश्वर  के चरणों  में   बैठें,

सबकी   इच्छा पूर्ण कराएँ।

 आओ हम दीपक बन जाएं

 परोपकार   कर   मान पाएँ,

 बाती तेल को हृदय में रखकर

 मानव हित  में हम जल जाएं।

आओ हम दीपक बन जाएं

सारे जग को  ज्ञान सिखाएं,

दुख संकट कष्टों को सहकर

मन -मंदिर में स्थान हम पाएँ।

आओ हम दीपक बन जाएं

माटी का  महत्व  समझाएं

आग  जलें पानी  में भीगें

और पूजा में काम आए।

- कालिका प्रसाद सेमवाल

मानस सदन अपर बाजार

रूद्रप्रयाग उत्तराखण्ड