नेता अजब जीव धरती पै - हरी राम यादव
Feb 26, 2024, 23:46 IST
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आवत निकट देखि चुनाव,
नेतागण एकदम गये बौराय।
भागि रहे बसंत मा अइसन,
जेस खूंटा से बैल तुराय ।
अपने मालिक का मारि रहे,
कुर्सी से गिराय गिराय ।
कबहूं यहि दल कबहूं वहि दल,
दलदल मा रहे कूद मचाय ।
कल तक देत रहे जे का गारी,
वही कै प्रशस्ति गान रहे गाय।
नीति रीति कै न कवनउ चिंता,
बस कुर्सी कै एक चिंता बाय।
भइया नेता अजब जीव धरती पै,
जेकरे बारे मा कुछ कहि न जाय।।
- हरी राम यादव, अयोध्या, उत्तर प्रदेश