परीक्षा के दिनों में इन बातों का ध्यान रखिए - अंजनी सक्सेना
vivratidarpan.com - परीक्षा कैसी भी हो, बिना सही तैयारी और मार्गदर्शन के इसमें सफल होना संभव नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप एग्जाम को अपने ऊपर हावी कर लें। इससे न तो सही तैयारी हो पाएगी और न ही मिल पाएगी सफलता। यदि आप छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर तैयारी करेंगे तो परीक्षा में भी अव्वल आएंगे।
सिर्फ परीक्षा ही नहीं, किसी भी काम में सफलता पाने के लिए टाइम मैनेजमेंट बेहद महत्वपूर्ण है। इसके लिए सबसे पहले अपनी दिनचर्या का एक टाइम टेबल अवश्य बना लें। दिन के चौबीस घंटों में से सोने, खाने और खेलने के घंटे बांट लें। अब जितने भी घंटे बचे हैं, उन्हें अपनी पढ़ाई के विषयों के लिए बांट लें। जिस विषय में आपकी कम दिलचस्पी है या आप जिसमें वीक हैं, उस विषय के लिए कुछ अधिक समय रखें। कोशिश करें कि अपने बनाए टाइम टेबल के अनुसार प्रतिदिन पढ़ें। ऐसा नहीं कि किसी विषय का समय कम करके मस्ती करने लगें। हर विषय को समय दें, ऐसा न हो कि प्रिय विषय को खूब पढ़ा और किसी दूसरे को छोड़ दिया।
इम्तहान के दिनों में सोच-समझ कर खाना खाएं। ध्यान रखें कि गरिष्ठ भोजन से परहेज करें। ज्यादा घी-तेल वाला भोजन आलस्य लाता है। एक बार ही भर पेट खाना खाने की अपेक्षा थोड़े-थोड़े अंतराल पर खाएं, क्योंकि पूरा दिन तो बैठे-बैठे पढऩा होता है। ऐसे में शरीर की अपेक्षा दिमाग को ज्यादा एनर्जी चाहिए। दूध, सूखे मेवे, सूप आदि लें। नींद भगाने के लिए बच्चे एक के बाद एक चाय या कॉफी न लें या कम से कम मात्रा में लें। नींद आने लगे तो अपनी स्टडी टेबल से उठकर दूसरे कमरे या बरामदे तक चक्कर लगा लें। नींबू पानी बार-बार पी सकते हैं। ताजा कटा सलाद व ताजे फल ज्यादा खाएं। खट्टी चाट-पकौड़ी, जिनसे आपका गला व पेट खराब होने का खतरा रहता है, इन चीजों के इस्तेमाल से बचें। रात-बेरात आइसक्रीम, कुल्फी आदि न खाएं। चिल्ड वॉटर, चिल्ड कोल्ड ड्रिंक न पीएं। सॉस, चटनी से भी इन दिनों बचें। ध्यान रकें कि इन दिनों संतुलित व पौष्टिक आहार ही लें। यदि दोस्त बातूनी नहीं है, आपकी ट्यूनिंग उनसे अच्छी है, तो दोस्त के साथ मिलकर भी पढ़ाई की जा सकती है। ऐसे में यदि गणित के सवाल दोनों मिलकर करेंगे तो समय की बचत होगी और एक-दूसरे के साथ काम्पिटीशन के कारण पढ़ाई ज्यादा ही हो जाएगी। एक-दूसरे को याद करके सुनाने से पाठ अच्छा याद होता है। ग्रुप स्टडी के कई फायदे होते हैं, जैसे आपको कोई विषय की जानकारी नहीं है, अगर आपके दोस्त को उससे संबंधित जानकारी है, तो आप बिना परेशान हुए उस विषय को समझ सकते हैं। परीक्षा के हौवे के कारण कोई टीवी की केबल का तार कटवा देता है तो कोई खेलना ही बंद कर देता है। माना पढ़ाई में ये दोनों चीजें बाधक हैं, पर पूरी तरह खेलने व टीवी देखने पर बैन न लगाएं। मनोचिकित्सकों का भी कहना है कि काफी पढ़ चुकने के बाद ब्रेक लेना जरूरी है। ऐसे में पढ़ाई की थकान को दूर करने के लिए खेलना और छुटपुट कार्टून आदि देखना बेहतर रहता है। परीक्षा के दिन हैं, रिजल्ट भी अच्छा लाना है। ऐसे में बतियाते हुए समय नहीं गंवाना चाहिए। फोन पर भी जरूरत की बात ही करें, फालतू में समय न गवाएं।इम्तहान की तैयारी के लिए अधिकतर बच्चे सुबह जल्दी उठ जाते हैं। ऐसे में प्राणायाम व हल्के-फुल्के कुछ व्यायाम करके देखें।
शरीर अनूठी ताजगी महसूस करेगा। इन दिनों जो भी पढ़ रहे हैं, उसे रट्टा न लगाकर ध्यान से पढ़कर याद करें। ऐसा करने से परीक्षा भवन में बैठकर उत्तर एकाएक भूलेगा नहीं। साथ ही जो याद कर रहे हैं, उसके छोटे-छोटे नोट्स बना लें। प्वाइंटस में उत्तर याद करना आसानी है। इन बातों को ध्यान में रखकर इम्तहान की तैयारी करेंगे, तो सफलता अवश्य मिलेगी। (विभूति फीचर्स)