कार्तिक आया कार्तिक आया - राजेश कुमार झा

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कार्तिक है आया कार्तिक है आया ।

खुशियों की बहार है लाया ।।

सब लोगो का मन है हर्षाया,

दीपो की जगमगाहट है लाया,

चारो ओर है शीत है छाया,

कार्तिक है आया कार्तिक है आया ।

खुशियों की बहार है लाया ।।

रंगो से हर घर घर की दीवारें,

हर घर होती खुशियों को बोछारे,

साफ सफाई घर आगन होते मटियाने,

घर घर लगे रंगाई लीपाई में मस्ताने,

कार्तिक है आया कार्तिक है आया ।

खुशियों की बहार है लाया ।।

कार्तिकयारो की भीड़ है रहती,

तुलसी पूजा है हर दिन होती,

ढोल नगाड़े के धम धम है होती,

तुलसा महारानी की आरती होती,

हर दिन हर घर निस दिन है होती,

देख खुशी नगर है हर्षाया,

कार्तिक है आया कार्तिक है आया ।

खुशियों की बहार है लाया ।।

- राजेश कुमार झा, बीना, मध्य प्रदेश