जोगी रा सा रा रा रा - मधु शुक्ला

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होली  का  त्योहार  ले, कर   आया  उल्लास।

खेलें हिल मिल फाग सब, और करें उपहास।।

जोगी रा सा रा रा रा........

एक सखा राधा बना,  बना दूसरा श्याम।

गोप बने बाकी सभी, पहुँचे गोकुल धाम।।

जोगी रा सा रा रा रा.........

ढ़ोल  मजीरा  बज  रहे, गूँज रहे मधु गान।

नाचें सब करतल बजा, बिखरी है मुस्कान।।

जोगी रा सा रा रा रा........

ले  आई   गुलाल   घटा,  रंगों  की  बरसात।

हर्ष सहित भीगे सभी, पुलकित सबके गात।।

जोगी रा सा रा रा रा........

इष्ट मित्र दर्शक सभी, खिला रहे पकवान।

बनी  हुई  है  होलिका, सद्भावों की खान।।

जोगी रा सा रा रा रा........

होली खेलो जब सखा, गहो रंग अनुराग ।

अमिट छाप छोड़े यही, चिरंजीव हो फाग।।

जोगी रा सा रा रा रा.......

 — मधु शुक्ला, सतना , मध्यप्रदेश