जवां हिंद मेरा - अनिरुद्ध कुमार
Dec 1, 2023, 16:09 IST
| अचंभित हुए सब, छटा क्या बिखेरा,
उतारा जमीं पर, सुनहला सवेरा।
करोड़ों दिया से, रचा ज्योति घेरा,
धरा जगमगाई, गजब का चितेरा।
हृदय में दया है, सबों से जुदा है,
चलों कुछ करें हम, इरादा उकेरा।
जवां रहनुमा है, वतन पर फिदा है।
सबों के दिलों में, इरादा बसेरा।
चुनौती बड़ी सी, भयावह घनेरा,
दिखा रात नभ में, सिमटता अँधेरा।
सबों को सुहाया, लड़ी क्या बनाया।
सभी दिल पुकारें, सही काज तेरा।
दिखाया नजारा,चकित विश्व सारा,
दिखाया जगत को, जवां हिंद मेरा।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह,
धनबाद, झारखंड