जन गण हो जाओ सावधान - हरी राम यादव

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नफरत के जो बीज बो रहे,

    प्रजातंत्र की इस क्यारी में।

वह भूल गये बंधुत्व भावना,

   कुर्सी की कलुषित यारी में।।

उनको रहा न ज्ञान गरिमा का,

   बस केवल कुर्सी दीख रही ।

यह नहीं सोच रहे हैं वह लोग,

     कि पीढ़ी हमसे सीख रही ।।

मत पैदा करो दरार समाज में,

   मनुष्यता समाज की थाती है।

बढी दरार जब भी समाज में

   भावी पीढ़ी मूल्य चुकाती है।।

सत्ता मिली नहीं जो तुमको,

   तुम और कहीं पर चल दोगे ।

सौगंध ईश्वर की खाओ तुम,

   हमारा पड़ोसी बदल दोगे।।

जन गण हो जाओ सावधान,

   ऐसे लोलुप नफरतबाजों से ।

समाज को जो कर रहे दूषित,

   दूर करो इनको दरवाजों से ।

आते जाते हैं रोज चुनाव,

   हरी यह नहीं कुंभ के मेले हैं ।

मिलो सभी से और गहो हाथ,

   समाज में जो दबे अकेले हैं।।

- हरी राम यादव, अयोध्या, उत्तर प्रदेश