जय सियाराम - सुनील गुप्ता

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भजले

प्यारे जय सियाराम

गाता चल सुबह ओ शाम  !

मिलेगा अवश्य यहीं पे परमधाम.....,

दर्शन करता चल, मन में राम !!1!!

हँस ले

पल दो पल अविराम

बिनु रामकाज, कहाँ विश्राम  !

हैं दृश्य सभी यहाँ नयनाभिराम......,

चल जगा लें, अपना आत्माराम !!2!!

करले

सहर्ष मिले जो काम

करता चल अर्पण, राम का नाम  !

मिल जाएगा तुझे अपना मुकाम.....,

बस जपता चल, जय सियाराम  !!3!!

लिखले

नित्य श्रीराम का नाम

करले बन हनुमंत सेवाकाम  !

मिट जाएंगे सारे दुःख और गम.....,

चलें बोलते, अनवरत जयसियाराम !!4!!

फेर ले

माला जपते जय श्रीराम

बनते चलेंगे सारे बिगड़े काम  !

मिलता चलेगा, प्रेमधन सुख आराम.....,

तन-मन बसालें, जयसियाराम !!5!!

सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान