जय शिव शंकर - कालिका प्रसाद

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भोलेनाथ के  दरबार में, भीड़  लगी है आज,

दर्शन  करने को चलें, सभी भक्तगण आज।

करते जल अभिषेक जो,शिव का ध्यान लगाय,

शिव  जी  देते  हैं  उन्हें, मनचाहा  वरदान।

औघड़ दानी नाथ हैं, शिव जी परम कृपालु,

तीनों  लोकों में  नहीं, शिवजी जैसा दयालु।

बाघम्बर  तन  में सजे, मुंडों की है माल,

देवों  के  भी देव हैं, कालों  के भी काल।

सोमवार  प्रिय  वार है, दर्शन  करते लोग,

यही मिटाते हैं सकल, भवसागर के रोग।

चंद्रमौलि शुभ नाम है, नीलकंठ भगवान,

इनको जपते हैं सदा,वह हैं चतुर सुजान।

मा  गौरा हैं साथ में, नन्हा पुत्र  गणेश,

वासी  हैं  कैलाश के,जगदाधार महेश।

शिव भोले भगवान का,अद्भुत है परिवार,

जो ध्याता नित है इन्हें,पाता शुभ संस्कार।

दीन दुखी जन के सदा, रहते शिव जी साथ,

ऐसे  भोले  नाथ  को, सदा झुकाऊॅं  माथ।

आया  पावन  दिन है, शिवरात्री  त्यौहार,

शिवरात्रि व्रत साधना से, मिलती खुशी अपार।

-कालिका प्रसाद सेमवाल

मानस सदन अपर बाजार

रूद्रप्रयाग उत्तराखण्ड