जय जय जय भाषा हिन्दी - सुनील गुप्ता

जय जय जय भाषा हिन्दी
जय मातृभूमि वन्दे मातरम !
तुम बनी हो भारत की बिंदी.....,
नित बढ़ रहे हिन्दी के कदम !!1!!
तुम जन मन जीवन हर्षाए चलती
और सभी काम को सुगम बनाती !
है सौम्य सरल विरल तुम्हारी बोली.....,
सबको प्रेम संग तुम गले लगाती !!2!!
प्रेम माधुर्य रस तुमसे सरसाए
सभी भाषाएं तुमसे आधार पाएं !
देख तुम्हारी सुंदर लिपि लेखनी.....,
सभी हो भावमुग्ध जुड़ते जाएं !!3!!
जीवन के हरेक मोड़ सफर पर
तुमने साथ बखूबी सबका निभाया !
तुमसे सीखा जीवन का क ख ग.....,
और तुमने ही जीवन आसान बनाया !!4!!
हम बोलें जैसा, वैसा ही लिखते
हर शब्द विन्यास तुमसे ही खिले !
है आसान बड़ा तुम्हें लिखना पढ़ना....,
सबके हृदय पटल से भाव झरें !!5!!
है तुमसे भारत की अप्रतिम पहचान
और पूरी दुनिया में है विशेष स्थान !
अपनी आसान सुगम लिपि लेखनी से....,
पूरे विश्व जगत में पाया मान सम्मान !!6!!
तुम्हें बोलने पढ़ने और समझने वाले
नित्य शनै: शनै: बढ़ते ही जा रहे !
बनी हो तुम सबकी पसंदीदा भाषा.....,
तुमसे जुड़के लोग गर्व महसूस कर रहे !!7!!
सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान