इक उम्मीद - सम्पदा ठाकुर

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तेरे आने की इक उम्मीद,
हूं दिल में लगा बैठी।
निगाहों में तेरे दीदार के,
सपने सजा बैठी।
देखो टूट ना जाए कही,
विश्वास की ये डोर ,
तेरे ही आस में दिलबर ,
चंद सांसे बचा बैठी।
भरोसा जो किया तूमपर,
कभी टूटने नही देना।
हमारा दिल कभी भी,
प्यार में टूटने नही देना।
अपना दामन हमारे हाथ,
में जो दे दिया साथी,
उम्रभर अब इसे हाथों से,
तुम छूटने नही देना।
- सम्पदा ठाकुर, मुंगेर