परिचय मेरा  - सुनीता मिश्रा

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मेरा कोई परिचय नही

सुनना है तुमको गर

परिचय मेरा

तो सुन लेना अपने

अंतर्मन की आवाज...

जानना है परिचय मेरा

तो पढ लेना मेरी

कविता...

मिलेंगे तुमको

अनगिनत शब्द उनमे...

जिनमे शामिल है तू...

तेरे लिये नही मुश्किल

जान  पाना मेरा परिचय...

भायें नहीं शायद

मेरी कविता किसी को...

पर मौजूद है तू

हर कविता मे मेरी...

मेरा परिचय सिर्फ

इतना ही है कि

मौजूद हूँ मैं तुझमे...

हर लम्हा ही

जानना है गर

मेरा परिचय तो

सुनना मेरे

सांसों की आवाज...

जो नही आती

मेरे लिए अब...

सुनना मेरी

धडकनो को...

जो नही धडकती

अब मेरे लिये...

मेरा परिचय

अब

तुम हो बस...

तो क्या बताऊं

अपना परिचय तुझे

तुझे समझ आ

जाये जो मुझमे

वही परिचय है मेरा...

बहुत साधारण सा है

मेरा परिचय कि

प्यार करती हूँ

तुमसे

बेहद, बेशुमार

और अपार

अब भी अगर

जानना हो

परिचय मेरा तो

देख लेना बहते

आंसुओं को मेरे

- सुनीता मिश्रा, जमशेदपुर,  झारखण्ड