आई होली - सुनील गुप्ता
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खेलें-खेलें रे होली, सूखे रंगों से होली
चलें गाएं हँसते,अरे आई रे,आई रे होली,आई रे !
भरें-भरें रे पिचकारी, चलें सबपे रंग डारें...,
खिल-खिल आएं चेहरे, गुलाबी गाल प्यारे-प्यारे!!
अरे भाई,आई रे,आई रे होली, आई रे !!1!!
चलें-चलें रे गाएं, फाग रसिया दिलवाले
गोलू ढ़ोल पीटे, सोनू-मोनू विराज नाचें !
बजाएं चंग मृदंग गली मोहल्ले वाले....,
भागें छोटू मोटू भोलू, छिपते ख़ूब देते गच्चे!!
अरे भाई,आई रे,आई रे होली, आई रे !!2!!
फूले-फूले रे गुब्बारे, हवा में चलें मारें
जल बिखराए चलें, रंगीन इंद्रधनुषसा बनाए !
पीले नीले हरे, गुलाबी लाल मटमैले...,
टेसू रंग रसीले, चलें होली का हुड़दंग रचाएं !!
अरे भाई,आई रे,आई रे होली, आई रे !!3!!
चलें मस्ती करते, जंगल के राजा शेर
राजा संग नाचें, प्रजा बंदर भालू थिरकें !
है पर्व होली का, नटखट बच्चे करें शोर....,
मनाएं खेलें होली, मिलके पर्व मनाएं जमके!!
अरे भाई,आई रे,आई रे होली, आई रे !!4!!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान