मै मेरे गीत - अमन रंगेला

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एक दिन मै मेरे गीत संग हो गये,

एक दिन मै मेरे गीत संग खो गये।

रात को देर तक गुनगुनाता रहा,

रात को मै मेरे गीत संग सो गये।

मै मेरे गीत संग संग रोते रहे,

साथ बैठे अभावो में खोते रहे।

वह सिसकते रहे, मै सुबकता रहा,

दोनों रो रो कर के बैचेन होते रहे ।

जब कलम उठ गई गीत रचने लगे,

शाम महफ़िल जमी गीत जचने लगे।

रात मंचों पे ले गीत पहुँचा मै जब,

मंच सज ने लगे गीत हँसने लगे।

अमन रात मे रीत लिखने लगा,

नमन रात मे प्रीत लिखने लगा।

झील के पास में,पूनमी रात मे,

पूनम के साथ मे अमन लिखने लगा।

मिल न पाए साथ चलते रहे।

-  अमन रंगेला "अमन" सावनेरी

सावनेर, नागपुर, महाराष्ट्र

फोन नंबर - 9579991969