पाकिस्तान में बदलाव की बयार, सैकड़ों महिलाएं भी चुनाव मैदान में - सुभाष आनंद

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vivratidarpan.com - 8 फरवरी 2024 को पाकिस्तान की नेशनल असेम्बली और राज्यों के चुनाव निश्चित किए गए हैं। यहां महिलाओं के चुनाव प्रचार में कूदने के पश्चात चुनावी वातावरण रोचक बनता जा रहा है। यह उल्लेखनीय है कि यहां पहली बार इतने बड़े पैमाने पर महिलाएं चुनाव लड़ रही हैं। 8 फरवरी 2024 को पाकिस्तान की सभी प्रांतीय एसेंबलियों और नेशनल असेम्बली की 272 सीटों पर चुनाव होना है। इस बार नेशनल एसेम्बली के साथ-साथ प्रांतीय असेम्बली में इतने बड़े पैमाने पर चुनाव होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि इस चुनाव में इमरान खान की पार्टी तहरीन-ए-इंसाफ बिखर चुकी है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और बड़े-बड़े नेता जेलों में बंद है। कई बड़े नेता पार्टी को अलविदा कह चुके हैं।

पाकिस्तान के अनेक बड़े नेता इस चुनाव से दूर हो चुके हैं। जैसे-जैसे चुनाव की तिथि नजदीक आ रही है चुनावी बुखार बढ़ता जा रहा है। पूरा पाकिस्तान चुनावी रंग में रंगा हुआ है। सभी पार्टियों की महिलाएं अपनी-अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार में जुट गई हैं। चुनावी रैलियों में महिलाएं अधिक नजर आ रही हैं। ऐसा लगता है कि बेनजीर भुट्टों के बाद पाकिस्तान में राजनीति में महिलाओं की शून्यता को भरने के लिए महिलाएं मैदान में कूदी हैं। पाकिस्तान का इतिहास गवाह है कि जब-जब जरूरत पड़ी महिलाओं ने पाकिस्तान की राजनीति को एक नई दिशा दी। कभी पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टों की राजनीति में तूती बोलती थी और पाकिस्तान की राजनीति उनके इर्द-गिर्द घूमती थी। 2007 में उनकी रावलपिंडी की चुनावी सभा में गोली मारकर हत्या कर दी। राजनीति में उनकी हत्या के पश्चात महिलाओं के लिए खाली स्थान पैदा हो गया था, जिसको भरने के लिए पाकिस्तानी महिलाएं एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं। भारत की भांति पाकिस्तान में भी राजनीति में महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ रही है। 2024 के चुनावों में पाकिस्तानी महिलाओं में एक नया जोश देखने को मिल रहा है। पाकिस्तान की 272 नेशनल असेम्बली सीटों में से 182 पर राजनीतिक पार्टियों ने महिला उम्मीदवार खड़ी की है लेकिन कुछ निर्दलीय भी मैदान में उतरी हुई है। पाकिस्तान में महिलाओं का राजनीति में आना उचित नहीं समझा जाता था केवल बड़े-बड़े घरानों की महिलाएं राजनीति में आती थीं लेकिन आज पाकिस्तान में महिलाओं का बड़ा समूह राजनीति में प्रवेश कर रहा है वह वाकई काबिले तारीफ कदम है। पाकिस्तान में हिन्दू महिला डॉक्टर भी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही है। नवाज शरीफ की पार्टी ने भी 14 महिलाओं को पार्टी टिकट से दिया है लेकिन सैयद हाफिज ने किसी भी महिला को टिकट नहीं दिया।

पाकिस्तान में बदलाव की बड़ी निशानी यह है कि चुनाव लड़ रही सभी पार्टियों ने दिल खोलकर महिलाओं को टिकट दिए हैं। 2018 के चुनाव की बात की जाए तो 105 महिलाएं विभिन्न दलों से चुनावी मैदान में आयी थीं जबकि 70 उम्मीदवार निर्दलीय थी। सबसे अग्रिम पंक्ति में पाकिस्तान की पीपुल्स पार्टी थी जिसने 19 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। पाकिस्तान में लोकतंत्र का सूर्य कभी-कभी त्रस्त भी होता रहा है पर अब यहां हालात बदल रहे हैं। पाकिस्तान के सियासी क्षेत्रों में महिला शक्ति का बोलबाला बढ़ रहा है। बड़े-बड़े राजनीतिक लीडरों को पता चल गया है कि बिना महिलाओं के उनकी दाल गलने वाली नहीं है। पाकिस्तान के मौजूदा संसदीय चुनावों में अपनी भागीदारी के द्वारा वहां की महिलाएं मर्दों को अपनी बेडिय़ा तोड़ती हुई नजर आ रही है। पाकिस्तान में सदैव महिलाओं को दूसरे दर्जे का नागरिक समझा जाता है।  अब पाकिस्तानी महिलाओं को कई प्रकार के कानूनी अधिकार मिल चुके हैं लेकिन जब तक वह राजनीतिक रूप से मजबूत नहीं होगी उसका भला नहीं हो सकता। पाकिस्तान में जब तक महिलाओं का सामाजिक और राजनीतिक तौर पर सशक्तिकरण नहीं होगा तब तक वे अपने कानूनी अधिकारों का समुचित उपयोग नहीं कर सकेगी। यह महिलाओं के लिए सबसे अच्छा मौका है इस मौके का उन्हें लाभ उठाना चाहिए। आज भी पाकिस्तान में महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं है। पाकिस्तान में घरेलू महिलाओं पर अत्याचार की अनेक कहानियां रोजाना समाचार पत्रों की सुर्खियां बनती है। महिलाओं को बेचा और खरीदा जाता है।

पाकिस्तान में पहली बार हिन्दू महिला सवीरा प्रकाश लड़ेंगी चुनाव –

 पाकिस्तान में पहली बार हिन्दू महिला डॉ. सवीरा प्रकाश प्रांतीय असेंबली का चुनाव लडऩे जा रही हैं। उन्होंने खैबर पख्तूनबा प्रांत के कुनेर जिले की पी.के. 25 की सामान्य सीट के लिए नामांकन पत्र भरा है। वे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ रही हैं। पाकिस्तान में 8 फरवरी 2024 को होने वाले आम चुनावों के लिए 28676 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा है। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली और चार प्रांतों की 1085 सीटों पर सख्त मुकाबले देखने को मिल सकते है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का नामांकन पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी का चुनाव चिन्ह बैट बल्ला पेशावर हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। सवीरा प्रकाश पेशे से डॉक्टर हैं। 2020 में वे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी में शामिल हुईं थीं उन्हें उम्मीद है कि 2024 के असेंबली चुनाव में वह जीतकर कुनेर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगी। लोगों की सेवा ही उनका एक मात्र लक्ष्य है उनके पिता ओम प्रकाश का कहना है कि पाकिस्तान की पीपुल्स पार्टी ने उनकी बेटी पर विश्वास किया और वह पार्टी के विश्वास को पूर्ण करेंगी। देश के आगामी प्रधानमंत्री बिलावत भुट्टों ही होंगे जो कि पाकिस्तान के युवा नेता हैं। वह देश को विकास के मार्ग पर अग्रसर करेंगे।  (विभूति फीचर्स)