कैसे होगा सैनिक कल्याण ? - हरी राम यादव

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vivratidarpan.com - उत्तर प्रदेश जनसंख्या के आधार पर, 75 जनपदों के साथ देश का सबसे बड़ा राज्य है। इसका कुल क्षेत्रफल 2,43,286 वर्ग किमी है तथा 2011 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 19,95,81,447 है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य होने के साथ साथ देश को सबसे ज्यादा सैनिक देने वाला राज्य भी है।  सन 2022 में लोकसभा में बताये गए आंकड़े के अनुसार हमारे प्रदेश के 2.10 लाख सैनिक  सेना,  वायु सेना और नौसेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। निदेशालय सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास उत्तर प्रदेश की वेबसाइट पर उपलब्ध (30 सितम्बर 2023)  आंकड़ों के अनुसार वर्तमान समय में तीनों सेनाओं में अपनी सेवा दे चुके सैनिकों की संख्या 4, 88 , 433 बताई गई है , जिसमें  4, 18, 249 सेवानिवृत्त सैनिक और 70,184 दिवंगत सैनिकों की पत्नियाँ हैं।

      प्रथम  विश्वयुध्द में काफी संख्या में हमारे प्रदेश के जवान घायल और वीरगति को प्राप्त हुए थे लेकिन इन सैनिकों का लेखा जोखा रखने वाली कोई संस्था नहीं थी।  इन सैनिकों के लिए आम जनमानस के मन में एक ऐसी संस्था की आवश्यकता महसूस की जा रही थी कि जो घायल, वीरगति को प्राप्त हुए और सेना में सेवा दे चुके सैनिकों का लेखा जोखा रखे तथा सैनिकों के कल्याण के लिए कार्य करे। इसी आवश्यकता को ध्यान में रखकर सन् 1917 में प्रदेश में वार बोर्ड की स्थापना की गयी। दो वर्ष पश्चात सन् 1919 में इसका नाम परिवर्तित कर प्रान्तीय सोल्जर्स  बोर्ड कर दिया गया। पूरे राज्य में कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रदेश के कुछ जनपदों में जिला सोल्जर, सेलर और एयरमैन बोर्ड की स्थापना की गयी। अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार जनपद बरेली का जिला सैनिक कल्याण कार्यालय, उत्तर प्रदेश का सबसे पुराना सैनिक कल्याण कार्यालय है। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश  के सभी जनपदों में सैनिकों , सेवानिवृत्त सैनिकों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए जिला सैनिक कल्याण कार्यालय स्थापित किए गए हैं ।

      प्रदेश के सेवानिवृत्त सैनिकों की आबादी का काफी बड़ा हिस्सा  गाँवों में निवास करता है और अपनी खेती बाड़ी के काम या छोटे मोटे धन्धों में लगा हुआ हैं । जनपदों का फैलाव जनपद मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर तक है ।  जब कोई सैनिक इतनी लम्बी दूरी तय कर जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में अपने किसी काम से आता है, और पता चलता है कि जिला सैनिक कल्याण अधिकारी या मुख्य लिपिक की उपलब्धता नहीं हैं  तो उस सेवानिवृत्त सैनिक/ वीर नारी /दिवंगत सैनिक की पत्नी का इतनी दूर चलकर आना व्यर्थ हो जाता  है, इस व्यथा को वह वयोवृद्ध सैनिक / वीर नारी /दिवंगत सैनिक की पत्नी  ही समझ सकती है ।

      वर्तमान युग सूचना क्रांति का युग है , पल पल परिवर्तन हो रहा है , लोग समय के पीछे दौड़ रहे है । लोगों के पास समय नहीं है, वह  हर काम को तेजी से पूरा  कर  लेना चाहते है । सूचना क्रांति की दिशा में कदम बढ़ाते हुए निदेशालय सैनिक कल्याण उत्तर प्रदेश ने भी कदम उठाया और सभी जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों को लैंडलाइन नंबर, सी यू जी नंबर और  ईमेल उपलब्ध करवाए लेकिन यह सब सेवानिवृत्त सैनिकों तक अपनी पहुँच बनाने में असमर्थ हैं  । इनके उपयोग में उदासीनता के चलते वयोवृद्ध सैनिक, चल पाने में असमर्थ वीर नारियां अपने किसी भी काम के लिए जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों तक बार बार  दौड़ लगाने के लिए मजबूर हैं  ।    

      आज आवश्कता इस बात की है कि निदेशालय सैनिक कल्याण उत्तर प्रदेश द्वारा जिला सैनिक कल्याण अधिकारी को दिए गए सी यू जी नंबर पर उपलब्ध सेवानिवृत्त सैनिकों का ह्वाट्सएप समूह बनाया जाए और उसमे सेवानिवृत्त सैनिकों से संबंधित जानकारी जैसे स्कालरशिप के लिए आवेदन की तिथि, बच्चों के स्कूल के फीस के क्लेम की तिथि, नयी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी, जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में शासन द्वारा और निदेशालय सैनिक कल्याण द्वारा निर्देशित महत्वपूर्ण दिवसों के मनाये जाने की जानकारी , जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में कब अवकाश रहेगा , साथ ही साथ जिला सैनिक कल्याण अधिकारी और मुख्य लिपिक  की उपलब्धता की भी जानकारी प्रसारित की जानी चाहिए  ताकि 40-42 किलोमीटर चलकर किसी बूढ़े, बीमार सेवानिवृत्त सैनिक/ वीर नारी को बार बार सैनिक कल्याण कार्यालयों का चक्कर न लगाना पड़े।

   इसको आगे बढाकर ई सी एच एस और कैंटीन विभाग को जोड़कर सेवानिवृत्त सैनिकों के कल्याण की दिशा में सकारात्मक कदम उठाये जा सकते हैं । इस तरह का कदम जिला सैनिक कल्याण कार्यालय अम्बेडकर नगर, बुलंदशहर, बाराबंकी, हरदोई, मेरठ,  रायबरेली और  सुल्तानपुर उठा चुके हैं  और अपने जनपद के सैनिकों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता  की दृढ इच्छाशक्ति  के चलते अपने जनपद के हर सैनिक तक अपनी पहुँच  बनाने में मीलों का सफ़र तय कर चुके हैं  ।  प्रदेश के अन्य सभी जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों को इन जनपदों  के नक़्शे कदम पर आगे कदम बढ़ाना चाहिए, आखिर सैनिक कल्याण कार्यालयों की स्थापना का उद्देश्य सैनिकों का कल्याण ही है । यह समय की मांग और वर्तमान में प्रदेश के सेवानिवृत्त सैनिकों की आवश्यकता भी है ।

- हरी राम यादव, अयोध्या , उत्तर प्रदेश  फोन नंबर  - 7087815074

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